मंगलवार, 4 अगस्त 2009

आप नपुंसक तो नहीं कहे जा सकते

Mai, Rajkumar meri Samasya Hai ke mai Bahut Dubla-Patla hu, or
mughhe kabj ki sakayat rahti hai,mai 24 sal ka ho gaya hu kintu mary dadi-muchh
abi tak nahi aai hai mare dosht kahte hai ke mai namard hau, kyoki mai
7-8 sal tak hastmethun karta tha jho mane chhod diya aap mery samasya ka
samadhan batane ka kast kare taki mai mota or balawan, mard ban saku

Danywad
Rajkumar Chhavariya
राजकुमार जी,आपकी समस्या की गम्भीरता को समझ रहा हूं। इस उम्र तक यदि दाढ़ी-मूंछ न आएं तो सचमुच ये एक हार्मोनल समस्या है। आपको कुछ बातें स्पष्ट करना चाहता हूं, पहली बात कि नामर्दी के विषय में राय कायम करने वाले आपके दोस्त क्या चिकित्सा शास्त्र की समझ रखते हैं यदि नहीं तो उनकी बातों पर मत जाइये। आपने लिखा है कि आप हस्तमैथुन करते थे यानि कि अंग में कुछ कठोरता तो आती ही रही होगी इसका अभिप्राय है कि आप नपुंसक तो नहीं कहे जा सकते हैं। हां थोड़ी समस्या निःसंदेह है जो कि नियमित रूप से अनुमानतः छह माह से एक साल तक औषधियां लेने से दूर हो जाएंगी। आप निम्न उपचार लीजिये और व्यर्थ की बातों में मत पड़े--
१. मूसली पाक एक-एक चम्मच सुबह शाम गुनगुने दूध से लीजिये।
२. वानरी गुटिका दो-दो गोली शहद के साथ दिन में तीन बार लीजिये।
३. पूर्णचंद्ररस एक गोली + मन्मथाभ्र रस एक गोली + पुष्पधन्वा रस एक गोली इन तीनों की एक खुराक बना कर गुनगुने दूध से दिन में दो बार सेवन करिये।
४. कब्जियत न रहे और पेट सही तरीके से साफ़ होता रहे इसके लिये त्रिफला चूर्ण रात को एक चम्मच गर्म पानी से लीजिये।
मांसाहार तथा नशे का सेवन औषधि सेवन के दौरान न करें।

बुधवार, 22 जुलाई 2009

नपुंसकता को पौरुष ऊर्जा से भर देने वाले कुछ घरेलू उपाय

प्याज का रस आठ मिली. + अदरक का रस छह मिली. + गाय का घी एक ग्राम + शहद दो ग्राम इन सभी चार औषधियों को मिला कर लगातार दो माह तक प्रयोग करा जाए तो मूर्खतापूर्ण कारणों से वीर्य का नाश कर चुके व लगभग नपुंसक हो चुके लोगों में भी नयी पौरुष ऊर्जा का संचार होने लगता है। औषधि सेवन काल में खट्टी चीजों का सेवन न करा जाए, नशीले पदार्थों का भी प्रयोग बंद कर दिया जाए, स्त्री सहवास से भी दूर रहें अन्यथा एक ओर तो ताकत एकत्र करने का जतन करा जाए और दूसरी ओर सारी ताकत को व्यय कर दिया जाए तो परिणाम शून्य ही रहने वाला है इसलिये धैर्य अत्यंत आवश्यक है। औषधि सेवन के दौरान यदि कब्जियत का अनुभव हो तो त्रिफला चूर्ण आदि का सेवन करें ताकि कब्जियत न रहे।

शुक्रवार, 19 जून 2009

तब मैंने हस्तमैथुन छोड़ने का ढृढ़संकल्प किया परन्तु.......

डॉक्टर सहाब उम्र के शुरूआती दोर से १ साल पहले तक (१४-२२) मैंने अत्याधिक हस्तमैथुन किया.जिस वजह से में शारीरिक और मानसिक रूप से काफी क्षीण हो गया था तब मैंने हस्तमैथुन छोड़ने का ढृढ़संकल्प किया.परन्तु भयंकर समस्या तब सामने आई जब हर दिन या दुसरे दिन रात में वीर्य धातु निकल जाती और काफी कमजोरी आ जाती. मेंने तब डॉक्टर के सलाह से दवाइयाँ लेनी शुरू की! पर अस्थाई परिणाम आया. तब से अब तक में चार डॉक्टर से दवा ले चूका हूँ पर जब तक दवा लेता हूँ तब तक आराम रहता है! दवा छोड़ने के पश्चात उसी FREQUENCY से स्वप्नदोष हो जाता है मेरा चेहरा बीमार की तरह प्रतीत होने लगा है. वीर्य बहुत पतला हो गया है २-३ सप्ताह से मुझे मूत्र संक्रमण टेस्ट में आया है (रिपोर्ट सलंगन है)डॉक्टर सहाब बीमारी का स्थाई उपचार बताएँ में आपका सदा कृतार्थ रहूँगा
भवदीय
बंसी
1 URINE EXAMINATION RESULT UNITS REF. RANGE
2 PHYSICAL EXAMINATION
3 VOLUME 40 ML
4 COLOUR YELLOW
5 APPEARCE TURBID
6 SPECIFIC GRAVITY Q.N.S (1.010-1.030)
7 CHEMICAL EXAM
8 REACTION ACIDIC
9 ALBUMIN TRACE NIL
10 SUGAR NIL NIL
11 MICROSCOPIC EXAM
12 PUS CELLS 6-8 /HPF 1-2/HPF
13 RBCs nil /HPF (NIL)
14 Epithelial cells 2-3 /HPF 1-2/HPF
15 cast nil nil
16 crystals nil nil
17 others bacteria (++++) nil
18 June 17, 2009 1:52 AM
बंसी जी,आपकी समस्या का संबंध जितना शरीर से है उतना ही मन से है। आपने हस्तमैथुन जैसी बुरी आदत को संकल्प करके छोड़ दिया ये बहुत अच्छा है। आप निम्न औषधियां नियमित रूप से कम से कम चालीस दिन तक लीजिये-
१. बंग भस्म १० ग्राम + प्रवाल पिष्टी १० ग्राम + त्रिबंग भस्म १० ग्राम + जहरमोहरा खताई भस्म १० ग्राम +शीतलचीनी(इसे कबाबचीनी भी कहते हैं) २० ग्राम + शुद्ध ढेला कपूर ५ ग्राम; इन सबको एकत्र पीस कर कांच की शीशी में कसकर ढक्कन लगाकर रख लें। इस औषधि में से चार रत्ती की मात्रा(यानि ५०० मिलीग्राम) सुबह शाम दूध के साथ लीजिये।
२. यदि बरगद के पेड़ की लटकी हुई जो जटाओं जैसी जड़े रहती हैं वो कोमल-कोमल मिल सकें तो उसे दो ग्राम चबाकर ऊपर से दूध पी लिया करें ऐसा दिन में दो बार करें।
आप यकीन मानिये आपकी समस्या और संक्रमण कहां छू-मंतर हो गया आप हैरान हो जाएंगे।